राजनीतिक परिवारों के बीच शादी

साझा कीजिए
मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव
सात दिसंबर को मुलायम सिंह यादव के सांसद पौत्र तेज प्रताप यादव के साथ अपनी छोटी बेटी राजलक्ष्मी की शादी का शगुन लेकर लालू प्रसाद यादव उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे थे. लालू प्रसाद यादव ने अपने होने वाले 'रिश्तेदार' मुलायम को उनके ताज़ा राजनीतिक प्रयासों में अपने पूरे समर्थन देने का वादा किया.
इस वैवाहिक संबंध से दोनों यादव नेताओं को प्रदेश स्तर पर किसी तरह केराजनीतिक फायदे की उम्मीद कम है लेकिन लालू को आशा है की राष्ट्रीय स्तर पर इसका लाभ ज़रूर मिलेगा.


लालू प्रसाद यादव अपने पुत्र और अपने भावी दामाद तेज प्रताप यादव के साथ.
लालू प्रसाद यादव अपने पुत्र और अपने भावी दामाद तेज प्रताप यादव के साथ.
 "एक साम्राज्य अपने को मज़बूत करने के लिए पड़ोसी देश से विवाह को माध्यम बना लेते थे. मुलायम और लालू आज के युग के बादशाह हैं, इसलिए अपने स्टेटस को देखते हुए उन्होंने नज़दीक आने का ये फ़ैसला किया है."
रमेश दीक्षित का मानना है कि इससे मुलायम बिहार के यादवों के नेता और लालू उत्तर प्रदेश के यादवों के नेता नहीं बन सकते हैं.

चुनावी परिणाम

राजेश पायलट फारुक़ अब्दुल्लाह के साथ.
राजेश पायलट फारूक़ अब्दुल्लाह के साथ.
इसी विभाग के एक अन्य भूतपूर्व प्रोफेसर एसके द्विवेदी के विचार में इससामाजिक संबंध के पीछे राजनीतिक मंतव्य है जिसका थोड़ा फ़ायदा लड़के वाले होने की हैसियत से मुलायम को बिहार में तो मिल सकता है लेकिन लालू को उत्तर प्रदेश में नहीं.
लालू यादव ने तो अपनी बेटियों की शादी राजनीतिक परिवारों में ही की है लेकिन उनके अलावा और कई राजनीतिक परिवार या नेता हैं जो वैवाहिक संबंधों से जुड़े हैं.
इनमें नैशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्लाह और कांग्रेस के दिवंगत नेता राजेश पायलट, राजस्थान में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे रामनिवास मिर्धा और हरियाणा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा तथा राजीव शुक्ल और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं.

परिवार से इजाज़त

भूपिंदर सिंह हुड्डा, दीपेंदर सिंह हुड्डा
भूपिंदर सिंह हुड्डा के सांसद बेटे बेटे दीपेंदर सिंह हुड्डा ने राम निवास मिर्धा की बेटी से शादी की है.
दो साल पहले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव ने अपनी छठी बेटी अनुष्का की शादी हरियाणा के ऊर्जा मंत्री कप्तान अजय सिंह के लड़के चिरंजीवी राव से की थी.
हाल ही में हुए चुनावों परिणामों पर नज़र डाली जाए तो इस विवाह से भी दोनों ही परिवारों को राजनीति में किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिला. इसी तरह उनकी चौथी लड़की रागिनी का विवाह गाज़ियाबाद के समाजवादी पार्टी के विधायक जितेंद्र के लड़के से हुआ है. जीतेन्द्र यादव बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस के नेता राजेश पायलट के लड़के सचिन पायलट ने जब नैशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की बेटी सारा से शादी करने की बात अपने घर में की तो उसका ज़बरदस्त विरोध हुआ.

सियासी झटका

सचिन पायलट
उसी तरह सारा को भी इस शादी के लिए अपने परिवार से इजाज़त नहीं मिली क्योंकि फारूक अब्दुल्ला को डर था कि इसका नैशनल कांफ्रेंस के लिए गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे,
विरोध के बाद भी सचिन और सारा ने जनवरी 2004 में विवाह कर लिया. सचिन के परिवार ने तो बाद में इस रिश्ते को मंजूरी दे दी थी लेकिन फारूक अब्दुल्ला और उनका परिवार इस शादी में शामिल नहीं हुए थेशादी मीडिया की नज़र बचा कर हुई. शायद इसी वजह से नैशनल कांफ्रेंस को किसी तरह का कोई राजनीतिक झटका नहीं लगा.
रामनिवास मिर्धा की पोती की शादी भूपिंदर सिंह हुड्डा के लड़के दीपेंदर सिंह हुड्डा से और राजीव शुक्ल का विवाह रविशंकर प्रसाद की बहन से हुआ है.
राजीव शुक्ल
राजनीतिक दृष्टिकोण से हुड्डा को मिर्धा के कारण कितना लाभ हुआ होगा? ज़ाहिर है जाट प्रदेश में मिर्धा का प्रभाव तो बिल्कुल नहीं रहा होगा लेकिन पार्टी में मिर्धा के नाम पर हुड्डा के हितों की रक्षा ज़रूर होती रही होगी.
इसी तरह, राजीव शुक्ला और रवि शंकर प्रसाद साले बहनोई तो ज़रूर हैं लेकिन एक दूसरे के राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों के अलावा और कोई लाभ मिलने की संभावना कम ही नज़र आती है.भारतीय इतिहास में अकबर ने जोधाबाई से शादी कर के राजा मानसिंह को अपने दरबार में ऊंचा ओहदा दिया था और साथ ही उनके राज्य को स्वतंत्र रहने का मौक़ा.

Comments

Popular posts from this blog

Choosing Lawyer in Greater Noida

Wife's Claims in a Divorce

Contested Divorce